Ad

Ad
Powered by U Times

धराली जलप्रलय: सदियों तक सालता रहेगा आपदा का दर्द !


शिव सिंह थलवाल, उत्तरकाशी

गंगोत्री हाईवे से लगे धराली के नजदीक बह रही खीर गंगा में बादल फटने से पलभर में धराली कस्बे का सफाया हो गया। श्रीकंठ पर्वत से निकलने वाली खीर गंगा के सैलाब ने धराली कस्बे को नक्शे से ही गायब कर दिया। महज 40 सेकंड के सैलाब ने धराली को वो जख्म दिया है, जिसकी टीस कभी कम नहीं होगी। आलम ये रहा कि धराली के दर्द को कम करने में पड़ोसी गांव मुखबा के ग्रामीण भी मदद नहीं कर पाए। यह कोई पहली नहीं बार नहीं, जब खीर गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाया। लगभग हर साल ही खीर गंगा उफान पर आने से धराली को नुकसान पहुंचाती रही है, लेकिन इस बार जो जख्म मिला, उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। यहां तक कि धराली का कल्पकेदार मंदिर भी पूरी तरह तबाह हो गया, जो कि इतिहास में कभी खुदाई के दौरान मिला था। अभी तक चार लोगों के मरने की पुष्टि हुई है, जबकि 30 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। संचार सेवाएं क्षेत्र में ठप पड़ी हैं। 



मंगलवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे तक धराली बाजार में सबकुछ सामान्य था। धराली में बने होटलों और होम स्टे में रोजाना की तरह लोग अपना काम कर रहे थे। कुछ यात्री होटलों और होम स्टे में रात गुजारने की तैयारी में थे। कोई खाना खा रहा था, तो कोई आराम की नींद सो रहा था। कोई बाजार की सड़क पर टहल कर रहा था। किसी को नहीं पता था कि अगले ही पल क्या होने वाला है। स्थानीय निवासी संजय पंवार बताते हैं कि खीर गंगा का यह रौद्र रूप पहली बार देखने को मिला। इससे पहले भी नदी उफान पर आती रही है, लेकिन कभी इतना नहीं नुकसान नहीं हुआ। आज हालात यह है कि धराली कस्बे का नक्शे से सफाया हो गया है। 


स्थानीय निवासी जयभवान पंवार, उत्तम पंवार आदि ने बताया कि दोपहर करीब 1 बजकर 40 मिनट पर खीर गंगा में सैलाब आते ही पलभर में ही पूरा बाजार मिट्टी पत्थर के ढेर में बदल गया। दर्जनों होटल और होम स्टे इस जलजले में बह गए। किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला। कई लोग घायल और लापता हो गए। भारी जनहानि की आशंका है। जब तक रेस्क्यू पूरा नहीं हो जाता, कुछ कहा नहीं जा सकता, कितना नुकसान हुआ है। खीर गंगा के उफान से धराली में मलबा के सिवा कुछ नहीं नजर नहीं आ रहा। 





दोपहर करीब डेढ़ बजे खीर गंगा रौद्र रूप धारण कर धराली पर टूट पड़ी। डेढ़ बजे से लेकर तीन तक बजे तक धराली में खीर गंगा का मलबा बहता रहा। मुखबा सहित आसपास के गांव के लोग दूर से बदहवास होकर इस मंजर को देखते रहे, लेकिन कुछ कर न सके। इस सैलाब में धराली बाजार का बड़ा हिस्सा तबाह हो गया। बादल फटने की इस घटना में बुनियादी सुविधाएं तहस नहस होने के साथ ही यहां बड़ी संख्या में लोगों के घायल और हताहत होने की आशंका है। 

जिला प्रशासन नुकसान के आकलन में जुट गया है। हालांकि, अभी प्राथमिकता के साथ मलबे में दबे लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है। जिसके लिए मौके पर सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस सहित तमाम रेस्क्यू दल सर्च अभियान में जुटे हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ